ELI Yojana Kya Hai: अपने देश में बेरोजगारी की समस्या किसी से छिपी नहीं है । आज भी देश में करोड़ ऐसे युवा है जिनके पास डिग्री तो है लेकिन नौकरी नहीं मिल रही है । अगर युवाओं नौकरी कर भी रहे हैं तो उन्हें फॉर्मल नौकरी में जगह नहीं मिल पा रही है । इस समस्या को मध्य नजर रखते हुए सरकार ने युवाओं के लिए अपॉइंटमेंट लिंक्ड इंसर्टिव यानी कि ELI स्क्रीम को मंजूरी दे दी है।
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य सभी क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने रोजगार क्षमता बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने को लेकर है। सरकार का प्लान इस योजना के अंतर्गत 2 साल में 3:5 करोड़ से अधिक लोगों को नौकरी उपलब्ध कराना है।
इस योजना के तहत अगले 2 सालों में 3.5 करोड़ से ज्यादा नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है । खास बात ये है कि इसमें पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को भी सीधा फायदा मिलेगा और कंपनियों को भी इंसेंटिव दिया जाएगा ताकि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को हायर करें।
ELI योजना क्या है? (ELI Yojana Kya Hai)
ELI Yojana भारत सरकार की एक नई योजना है, जिसे युवाओं को रोजगार (job) देने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना के तहत, यदि कोई युवा पहली बार नौकरी पर लगते हैं, तो सरकार उन्हें ₹15,000 की सब्सिडी देगी। इसका मुख्य उद्देश्य बेरोजगारी को कम करना और युवाओं को निजी क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
सरकार का साफ कहना है कि अगर कोई कंपनी पहली बार नई युवाओं को नौकरी देगी तो सरकार उसे इंसेंटिव देगी । अगर कोई युवा पहली बार नौकरी करेगा तो सरकार उसको भी ₹15000 की सब्सिडी देगी । कुल मिलाकर यह योजना नौकरी देने वाले और नौकरी लेने वाले दोनों के लिए ही है ।
ELI Yojana Ka Fayda Kise Milega?
- जिसकी उम्र 18 से 35 साल के बीच है
- पहली बार नौकरी पाने वाले युवा
- जिनकी मासिक सैलरी ₹30,000 से कम हो
- EPFO या ESIC में रजिस्टर्ड कंपनियों में काम करने वाले
- इसका लाभ सीधा DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से युवाओं को मिलेगा।
ELI Yojana Ke Mukhya Features
पोस्ट का नाम | ELI Yojana Kya Hai |
योजना का नाम | ELI Yojana (Employment Linked Incentive) |
लाभ | नौकरी लगते ही ₹15,000 की सरकारी सब्सिडी |
लाभार्थी | देश के 3.5 करोड़ युवा |
घोषणा किसने की? | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार |
उद्देश्य | रोजगार को बढ़ावा देना और युवाओं को पहली नौकरी दिलवाना |
स्टेटस | अगस्त 2025 से शुरू होगा |
आधिकारिक वेबसाइट | Coming Soon |
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ELI Yojana की मुख्य बातें:
- सरकार इस योजना पर कुल ₹1 लाख करोड़ खर्च करने वाली है। यह योजना अगस्त 2025 से शुरू होकर जुलाई 2027 तक चलेगी।
- इस योजना में पहली बार नौकरी करने वाले युवाओ के लिए ₹15,000 की सब्सिडी सरकार कि तरफ से मिलेगी ।
- नौकरी देने वाली कंपनियों को भी सरकार कि तरफ से ₹1000 , ₹2000, और ₹3000 की सब्सिडी मिलेगी ।
- इस योजना को 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक, 2 सालों के लिए लागू किया जाएगा ।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जरूरत पड़ने पर इस स्कीम को 2 साल और बढ़कर 4 साल तक किया जा सकता है ।
- यह योजना Ministry of Labour and Employment के अंतर्गत चलेगी।
- इस योजना को चलाने के लिए सरकार ने 1 लाख करोड रुपए का बजट बनाया है ।
योवाओ को सब्सिडी कैसे मिलेगी?
अगर आप पहली बार नौकरी कर रहे हैं और आपकी उम्र 18 से 29 साल के बीच है, तो आपको सरकार की तरफ से ₹15,000 तक का इंसेंटिव मिलेगा।
लेकिन ये पैसे एक साथ नहीं मिलेंगे। अगर आपको ₹15000 पूरे चाहिए तो आपको कम से कम 1 साल नौकरी में टिके रहना होगा:
- 6 महीने पूरे होने पर ₹7,500
- 12 महीने पूरे होने पर ₹7,500
साथ ही आपको एक Financial Literacy Program भी पूरा करना होगा ताकि आप पैसे को समझदारी से खर्च कर सकें।
एलिजिबिलिटी:
- पहली बार EPFO रजिस्टर्ड जॉब करनी चाहिए
- सैलरी ₹30,000 महीने से कम होनी चाहिए
- EPF अकाउंट एक्टिव होना चाहिए
- फॉर्मल सेक्टर की नौकरी हो (कैजुअल या दिहाड़ी नहीं चलेगी)
कंपनियों को क्या मिलेगा?
आइये आप जानते है कि कंपनियों को कितना और कैसे सब्सिडी मिलेगी । जो कंपनियां नई भर्तियां करेंगी, उन्हें सरकार हर महीने इंसेंटिव कुछ इस प्रकार देगी।
कर्मचारी की सैलरी | कंपनी को मिलने वाला इंसेंटिव |
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₹10,000 तक | ₹1,000 प्रति कर्मचारी |
₹10,001 – ₹20,000 | ₹2,000 प्रति कर्मचारी |
₹20,001 – ₹30,000 | ₹3,000 प्रति कर्मचारी |
जितनी सैलरी ज्यादा, उतना इंसेंटिव भी ज्यादा।
अगर कंपनी ने किसी युवा को नौकरी दी, जो युवा कि पहली नौकरी है और कंपनी उसको 15,000 महिना देती है, तो सरकार कंपनी को 2000 प्रति कर्मचारी देगी । इस हिसाब से कंपनी को कर्मचारी की सैलरी 15,000 कि जगह 13,000 ही पड़ेगी । हालाँकि कंपनी कि जिम्मेदारी है कि वह कर्मचारी को लम्बे समय तक नौकरी पर रखे, तभी ये सब्सिडी आगे मिलेगी ।
कंपनियों के लिए शर्तें:
- EPFO में कंपनी रजिस्टर्ड होनी चाहिए
- अगर कंपनी में 50 से कम कर्मचारी हैं तो कम से कम 2 नए कर्मचारी हायर करने होंगे
- 50 से ज्यादा हैं तो कम से कम 5 नए कर्मचारी
- 6 महीने तक रिटेंशन जरूरी है
- रिप्लेसमेंट नहीं चलेगा, नए रोजगार होने चाहिए
कैसे होगा मॉनिटरिंग और पैसा ट्रांसफर?
इस स्क्रीन को मॉनिटर करने और इस पर नजर बनाए रखने के लिए सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, जिससे कि इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके । सरकार कोशिश कर रही है कि कोई भी इस स्कीम का गलत तरीके से फायदा ना उठा पाए । सरकार इस योजना पर नजर रखने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल करने वाली है ।
- स्कीम को पूरी तरह टेक्नोलॉजी इनेबल्ड बनाया गया है
- आधार, EPFO और UID सिस्टम से जुड़ा रहेगा
- इंसेंटिव का पैसा सीधे बैंक अकाउंट में जाएगा (DBT)
- सरकार हर ट्रांजैक्शन को डिजिटल ऑडिट के जरिए मॉनिटर करेगी
- घोस्ट एंप्लॉयीज (फर्जी नामों) से बचने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे
पुराने रोजगार प्रोत्साहन योजना से कितना अलग है?
इससे पहले भी सरकार ने रोजगार प्रोत्साहन योजना शुरू की थी । आईए देखते हैं कि यह योजना पुरानी योजना से कितना अलग है ।
पहलू | PMRPY (पहली योजना) | ELI Scheme (नई योजना) |
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टारगेट | सिर्फ एंप्लॉयर्स को | एंप्लॉयर्स + वर्कर्स दोनों को |
बजट | ₹10,000 करोड़ | ₹1 लाख करोड़ |
स्कोप | सभी सेक्टर्स | सभी, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग पर ज़ोर |
टाइमलाइन | 2016-2020 | 2025-2027 (शुरुआत) |
फोकस | सब्सिडी | स्किलिंग, फॉर्मलाइजेशन, महिला भागीदारी |
Employment Linked Incentive Scheme भारत के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकती है — अगर इसे सही तरीके से लागू किया गया। इससे न सिर्फ नौकरियों की संख्या बढ़ेगी बल्कि युवाओं को भी पहली बार नौकरी के लिए उत्साह मिलेगा और कंपनियों को सहयोग मिलेगा।
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